Jija Sali Sex Story
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मेरा आधा लंड उसकी चूत में फ़स गया था। वो कहने लगी दर्ध हो रहा है बाहर निकाल दे। मैंने कान के पास जुखकर कहा बस थोड़ा और फिर नहीं देगा दर्ध। ये कहते हुए मैंने अपना साथ इंच का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।
वो शायद इसके लिए तैयार नहीं थी और उच्छल पड़ी जिससे लंड बाहर निकल गया। पिंकी दीदी की तो फट चुकी थी। वो रोने लगी और कहने लगी रहने दे यार। मैंने कहा कैसे कर रही थी। फिर सब सोने लगे तो मैं अपने बेड में जाने लगा। दी
वो भी हस दी और हम सोने लगे। मैंने लाइट औफ की। अब कमरे में पूरा अंधेरा था। पर मुझे नीन नहीं आ रही थी और ठन भी लग रही थी। मैं जागी रहा था और अपने लंड को सहला रहा था। फिर उस वक्त रात के दो बज रहे होंगे। तब मैंने महस�
से चुआ तो दीदी का दूद मेरे हाथ से टकराया। मैं चिहूंका और उटकर बाहर आ गया। मैंने सोचा कि क्या सच में वो पिंकी दीदी है जो मेरे बगल सोई है। वो कब मेरे पास आई पता ही नहीं चला। फिर मैंने सोचा की मौका अच्छा है आज इसके साथ मजे �
लेता हूँ। बस अब मैं वापस जाकर लेट गया और धीरे से अपना पैर उसके पैरों पर रख दिया।