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एक दीन सबेरे जब दीदी सोकर उठीं और जढडू लगाने मेरे कमरे में आने लगीं।
मैंने उनके आने की आहट पाकर अपना पैंट उतार दिया और आजार को खड़ा करके सोने का नाटक करने लगा।
मैंने अपने मुझ पर कंबल ले लिया जिसमें मैंने एक छेट ढूंड कर रख लिया था।
उस छेट से मैं उन्हें देख रहा था कि दीदी क्या करती है।
जब वो कमरे में आईं और उन्होंने लाइट ओनन की तो उनकी नजर मेरे तने हुए आजार पर पड़ी।